Thursday, August 30, 2012


देख कैसी सज रही है आज रजधानी गरीब

कर्ज देने आ रहा होगा कोई मेहमान एक

 हैरान हैं जो कह रहे थे, रेप छोटी वारदात

गुम है प्रेमी संग बेटी नेता की जवान एक

मुख्तसर-सी बात है ये आज दिल्ली के लिए

बस्ती हटाकर बना दिया मकान आलीशान एक

टोपी गिरी, नींदें उड़ी, होश भी फाख्ता हुए

फैसला किसने सुनाया, पढ़के संविधान एक

एहतियातन राह हमने आज खुद अपनी बदल ली

जा रहा था उस सड़क से कोई सियासतदान एक

क्या हुआ कि बोलती नेता की आज बन्द है

शायद हुआ है देश में ईमान से मतदान एक

-कुंवर प्रीतम

31 अगस्त 2012

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